परमहंस पाल कौशल विकास एवं रोजगार सहायता केंद्र (रोजगारोन्मुखी शिक्षा), परमहंस पाल महाविद्यालय की एक पहल है जिसे देश के युवाओं को कौशल के साथ सशक्त बनाने के लिए शुरू किया गया है जो उन्हें अधिक रोजगारपरक और अपने काम के माहौल में अधिक उत्पादक बनाते हैं।
भारत आज एक ऐसा देश है जहां 65% युवा कामकाजी आयु वर्ग के है। यदि इस जनसांख्यिकीय लाभ को प्राप्त करने का कोई तरीका होगा, तो वह युवाओं के कौशल विकास के माध्यम से ही होगा ताकि वे न केवल अपने व्यक्तिगत विकास में, बल्कि देश की आर्थिक वृद्धि में भी योगदान कर सकें।
परमहंस पाल कौशल विकास एवं रोजगार सहायता केंद्र 20 क्षेत्रों में पाठ्यक्रम प्रदान करता है जो एक व्यक्ति को काम के व्यावहारिक सुपुर्दगी पर ध्यान केंद्रित करने में और उसे अपनी तकनीकी विशेषज्ञता को बढ़ाने में सहायता प्रदान करते हैं ताकि वह अपनी नौकरी के पहले दिन से ही तैयार रहे और कंपनियों को अपने नौकरी प्रोफाइल के लिए उसे प्रशिक्षण देने में निवेश न करना पड़े।
क्षेत्र के विद्यार्थियों की पृष्ठभूमि और उनके कौशल विकास के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए महाविद्यालय प्रबंध समिति ने छात्रों को उनकी नियमित शिक्षा के साथ-साथ व्यावसायिक करिअर में भी सफल होने और आवश्यक कौशल से लैस करने के लिए महाविद्यालय में निम्नलिखित केन्द्रों की स्थापना निर्णय लिया है :