अध्यक्ष का संदेश

मनुष्य का मूल्यांकन उसके रूप,कुल और वैभव से नहीं अपितु उसके ज्ञान,भाव और कर्म को देख कर करना चाहिए ।देश का ग्रामीण अंचल प्रतिभाओं का सदा से असीमित भण्डार रहा है । उन प्रतिभाओं को निखार कर कर्तव्य पथ पर अग्रसर करने में उच्च शिक्षण संस्थाओं की महती भूमिका रही है । शिक्षण संस्थाओं के अभाव के कारण क्षेत्र के अधिकांश विद्यार्थी उच्च शिक्षा प्राप्ति की उत्कट अभिलाषा रखते हुए भी कतिपय कारणों से सुदूर स्थानों पर जाकर शिक्षा प्राप्त करने में अपने को असहाय महसूस करते रहें है,जिसके परिणाम स्वरूप उनके अन्दर छिपी हुई प्रतिभा कुंठित होती रही है । यह व्यक्तिगत क्षति के साथ ही साथ राष्ट्रीय क्षति भी है । “उच्च,तकनीकी एवं गुणवत्ता पर आधारित रोजगार परक शिक्षा आम विद्यार्थी की पहुँच तक ” के उद्देश्य को लेकर परमहंस पाल स्नातकोतर महाविद्यालय, गुरली,सबया,(सिसवा बाजार)महराजगंज की स्थापना 2006 में किया गया । मुझे यह बताते हुए अपार हर्ष को रहा है कि आज यह महाविद्यालय अपने 14 वें वर्ष (सत्र-2019-2020) में प्रवेश कर प्रगति पथ की ओर अग्रसर है । महाविद्यालय के चहुंमुखी विकास के क्रम में छात्र /छात्राओं ,प्राध्यापकों , कर्मचारियों, अभिभावकों ,गणमान्य नागरिकों , प्रशासनिक अधिकारियों, समाजसेवियों एवं प्रबंध तंत्र के सक्रिय सदस्यों से रचनात्मक सहयोग की अपेक्षा है । नवीन सत्र सभी वर्गों के लिए मंगलकारी ईश्वर से हमारी प्रार्थना है । समाज में रोजगार के लिए बढ़ती प्रतिस्पर्धा के दृष्टिकोण छात्र/छात्राओं के मानसिक व चारित्रिक निर्माण के लिए आदर्शवादी गुरुजनों की समर्पित धारा सदैव तत्पर है |

-:: श्री नन्द बिहारी पाल ::-